देश की पहली महिला शिक्षक सावित्री बाई फुले की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि दी
मुरैना : बालिका शिक्षा की जननी , समाज सुधारक सावित्रीबाई फुले की पुण्यतिथि पर मप्र शिक्षक संघ ने उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की। शास हाई स्कूल गलेथा प्रांगण में आयोजित कार्यक्रम में शिक्षक व छात्रों समाज के वरिष्ठ जनों ने सावित्री बाई फुले द्वारा महिला शिक्षा के लिए किए गए प्रयासों याद किया और लड़कियों को पढ़ा लिखा कर आगे बढ़ाने का संकल्प लिया। इस अवसर पर मप्र शिक्षक संघ संभागीय अध्यक्ष डॉ नरेश सिंह सिकरवार ने कहा कि आज महिलाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़कर समाज में अपनी उपस्थिति दर्ज करा रही हैं। यह शिक्षा के माध्यम से ही संभव हो सका है। इसका श्रेय महिला शिक्षा की पुरोधा सावित्री फुले को जाता है। जिन्होंने बालिकाओं को शिक्षित करने 18 स्कूल खोले। समाजिक क्रांति की जननी सावित्री बाई ने रुढ़िपंथियों द्वारा किए गए घोर विरोध के बावजूद 1848 में अपने पति महात्मा ज्योतिबा फुले के साथ मिलकर देश के प्रथम महिला विद्यालय की नींव रखी। शिक्षा के माध्यम से नारी शक्ति को जागृत करने के लिए आंदोलन का नेतृत्व किया। डॉ सिकरवार ने कहा कि बालिकाओं को शिक्षा से जोड़ कर सावित्री बाई फुले ने समाज की सोच को बदल दिया।
साबित्री बाई फुले के जीवन से प्रेरणा लेकर बालिकाएं उच्च शिक्षित बने। बेटियां अगर पढ़ लिखकर आत्मनिर्भर बनेगी तभी समाज में बदलाव होगा । गिरीश शर्मा ने कहा कि आज से करीब डेढ़ सौ साल पहले फुले ने महिलाओं को भी पुरुषों की तरह ही सामान अधिकार दिलाने की बात की थी। फुले ने सिर्फ महिला अधिकार पर ही काम नहीं किया, उन्होंने सामाजिक कुरीतियों जैसे अश्पृश्यता, अशिक्षा, कन्या शिशु हत्या को रोकने के लिए भी खास तौर पर काम किया। इस अवसर पर विमलेश यादव, डॉ हरेंद्र तोमर, सतंजय मिश्रा, गिरीश शर्मा, रामबरन शर्मा, रश्मि अग्निहोत्री, ज्योति, भारत सिंह, राजेन्द्र शर्मा, रवि राजपूत, गिर्राज तिवारी, विनोद सिकरवार, शिवराज जालौन, कुबेर खरे, मनमोहन, रामलखन सहित छात्र छात्राएं मौजूद रहे।