जिला अस्पताल में ऑन ड्यूटी डॉक्टर एवं नर्सिंग स्टाफ ने जमकर उड़ाई गुलाल
साउंड सिस्टम की तेज आवाज में ऑपरेशन थिएटर के बगल में दिनभर चला नाच गाना
डॉक्टर एवं नर्सिंग ऑफिसर की तलाश में भटकते रहे मरीज एवं उनके परिजन
पन्ना।
जिला चिकित्सालय में जब से डॉक्टर आलोक गुप्ता ने सिविल सर्जन का पद संभाला है मनमानी व लापरवाही की हदें पार होने लगी हैं, जिससे मरीजों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है, अब तो यहां वह भी होने लगा है जो पहले कभी नहीं हुआ, ऐसा ही नजारा रंग पंचमी पर देखा गया जब सुबह लगभग 11 से ऑन ड्यूटी डॉक्टर, इमरजेंसी स्टाफ, नर्सिंग ऑफिसर, वार्ड बॉय, टेक्निशियन सहित लगभग सभी कर्मचारी ऑपरेशन थिएटर के बगल में सर्जिकल वार्ड, वर्न वार्ड एवं पुराने जीई वार्ड के अंदर नवनिर्मित मीटिंग हॉल में साउंड सिस्टम की तेज आवाज में नाच गाना और गुलाल उड़ा रहे थे, इस दौरान कई मरीज और उनके परिजन डॉक्टर एवं नर्सिंग ऑफिसर की तलाश में भटक रहे थे, लगभग 40 किलोमीटर दूर से आई 80 वर्षीय घायल वृद्धा के परिजन भी परेशान थे, अस्पताल जैसे संवेदनशील प्रांगण में इस प्रकार की मनमानी पहली बार देखी गई है, यह कार्यक्रम सुबह से शाम तक चलता रहा, जैसे ही मीडिया की टीम पहुंची साउंड बंद हो गया, थिरकते कदम रुक गए, अधिकतर डॉक्टर और नर्सिंग ऑफिसर ऑन ड्यूटी बाकायदा यूनिफॉर्म में थे, सिविल सर्जन डॉ. आलोक गुप्ता से जब इस संबंध में सवाल किया गया तो उनकी जुबान लड़खड़ाने लगी, सिविल सर्जन के द्वारा अस्पताल परिसर जैसे संवेदनशील प्रांगण में की गई इस मनमानी की लोगों के द्वारा निंदा की जा रही है।
जिला चिकित्सालय में जब से डॉक्टर आलोक गुप्ता ने सिविल सर्जन का पद संभाला है मनमानी व लापरवाही की हदें पार होने लगी हैं, जिससे मरीजों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है, अब तो यहां वह भी होने लगा है जो पहले कभी नहीं हुआ, ऐसा ही नजारा रंग पंचमी पर देखा गया जब सुबह लगभग 11 से ऑन ड्यूटी डॉक्टर, इमरजेंसी स्टाफ, नर्सिंग ऑफिसर, वार्ड बॉय, टेक्निशियन सहित लगभग सभी कर्मचारी ऑपरेशन थिएटर के बगल में सर्जिकल वार्ड, वर्न वार्ड एवं पुराने जीई वार्ड के अंदर नवनिर्मित मीटिंग हॉल में साउंड सिस्टम की तेज आवाज में नाच गाना और गुलाल उड़ा रहे थे, इस दौरान कई मरीज और उनके परिजन डॉक्टर एवं नर्सिंग ऑफिसर की तलाश में भटक रहे थे, लगभग 40 किलोमीटर दूर से आई 80 वर्षीय घायल वृद्धा के परिजन भी परेशान थे, अस्पताल जैसे संवेदनशील प्रांगण में इस प्रकार की मनमानी पहली बार देखी गई है, यह कार्यक्रम सुबह से शाम तक चलता रहा, जैसे ही मीडिया की टीम पहुंची साउंड बंद हो गया, थिरकते कदम रुक गए, अधिकतर डॉक्टर और नर्सिंग ऑफिसर ऑन ड्यूटी बाकायदा यूनिफॉर्म में थे, सिविल सर्जन डॉ. आलोक गुप्ता से जब इस संबंध में सवाल किया गया तो उनकी जुबान लड़खड़ाने लगी, सिविल सर्जन के द्वारा अस्पताल परिसर जैसे संवेदनशील प्रांगण में की गई इस मनमानी की लोगों के द्वारा निंदा की जा रही है।
पन्ना से सीमान्त खरे/राजेश रावत की रिपोर्ट